2025-06-23 05:04:05
Verse 1
वो छत की शामें अब कहां रही
माँ की वो बातें दिल में बसी
दोस्तों की हंसी गूंजती है कहीं
वक़्त की लहरें सब ले चली
Chorus
फिर मिलेंगे क्या वो पुराने पल
जहाँ दिल था साफ़ और सपने थे हल
कभी लौट आये तो थाम लूंगा उन्हें
वो बचपन की धुन, वो चुपके से चली चल
Verse 2
अब ख्वाहिशें बदल गईं, रास्ते भी नए
सीख ली हैं दूरियां, रिश्तों के साये
मगर दिल में वो मासूम चाहत है अभी
कभी रूठी खुशियां, कभी रोशनी सी हँसी
Chorus
फिर मिलेंगे क्या वो पुराने पल
जहाँ दिल था साफ़ और सपने थे हल
कभी लौट आये तो थाम लूंगा उन्हें
वो बचपन की धुन, वो चुपके से चली चल
Bridge
इन रंगीन यादों में कहीं मैं भी हूँ
जो भूला नहीं उसे बाँध लूँ पलकों में
Chorus
फिर मिलेंगे क्या वो पुराने पल
जहाँ दिल था साफ़ और सपने थे हल
कभी लौट आये तो थाम लूंगा उन्हें
वो बचपन की धुन, वो चुपके से चली चल
Chorus (final repeat, slightly varied)
काश लौट आये वो पुराने पल
फिर जी लूं खुल कर हर वो हलचल
छुपा लूंगा दिल में, वो हंसी की दस्तक
वो बचपन के दिन, मेरी सबसे प्यारी मंज़िल